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Wednesday, June 18, 2014

मेनोपॉज

आजकल बहुत थकावट रहती है
बेचैनी भी होती है
मनोदशा में बदलाव होता है
शरीर में शिथिलता है
ये मेनोपॉज का दौर है
जिससे मैं गुज़र रही हूँ

एक स्त्री का शरीर
अपनी तमाम संभावनाओं
को समाप्त कर रहा है
जैविक बुढ़ापा कहते है जिसे
उस पीड़ा को
सहन कर रहा है
शरीर बूढ़ा नहीं हुआ
पर शारीरिक मजबूती
हर दिन हार रही है
मुझे इस वक़्त
तुम्हारे साथ की
बहुत ज़रुरत है
मेरी मन:स्थिति को समझो
मुझे हारने मत दो

इस वक़्त मेरा शरीर
तुम्हारी इच्छाओं को
पूरा कर सकने में असमर्थ है
शायद मेनोपॉज के इस दौर
के बाद
मेरी शारीरिक इच्छाओं का भी
अंत हो जाए
उस वक़्त मुझे तुम्हारी
और भी ज़्यादा ज़रुरत होगी
तुम्हारे साथ की चाह होगी
मुझे समझने की कोशिश करना
मुझे हारने मत देना

एक स्त्री को मिले
'रजस्वला' के सबसे
बड़े वरदान का
यह अंत होने का समय है
यह एक स्त्री के जीवन का
परिवर्तनकाल है
यह कुछ सालों का
कष्ट है
जिसे भुगत कर
मैं एक बार फिर
अपने जीवन में
दृढ़ बनकर लौटूंगी
तब तक
मुझे हारने मत देना ।

(स्त्रियों में मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद होने को Menopause या रजोनिवृत्ति कहते है । जो कि ४०-५० की उम्र के आसपास होता है । अलग-अलग स्त्रियों के शारीरिक बनावट के हिसाब से यह होता है। कई बार इस परिवर्तन के समय कुछ स्त्रियों को बहुत कष्ट होता है ।जिसमें एक दो वर्ष तक लग जाते हैं ।)

1 comment:

  1. you are developing both way ..... language editing on one side n concerns on another side. physically tight n beautiful poem with appropriate selection of word n moreover the subject chosen by you gives shock suddenly ...... it take few moments to go to soul of it n when reach it heart bows to concern you carried in beautifully woven poem.. ......unique......bold.......beautiful

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