Pageviews last month

Sunday, May 5, 2013

बैठे-बैठे

कुछ देर मेरे पास आओ तो सही..

वो दबी सी आस जगाओ तो कभी...

जहाँ की बातें तो होती ही रहेंगी...

कभी हमसे नज़रें मिलाओ तो सही...

ये वक़्त थम जाएगा जिस दिन हम ना मिलेंगे...

तुम्हारे होंठ सिल जायेंगे जब हम ना दिखेंगे...

शायद कभी पुकारो भी तो हम ना लौटेंगे...

इसलिए वक़्त की आबरू रख लो..

अपने तेज़ कदमो की आहट सुनाओ तो कभी...

कुछ देर के लिए ही सही, मेरे पास आओ तो सही....

1 comment:

  1. "कुछ देर के लिए सही .." हलकी फुल्के गुब्बारे सी नज्म

    ReplyDelete