Pageviews last month

Tuesday, April 9, 2013

जादूगर...

सिर्फ अपनी बातों से कर गया मुझपे ऐसा जादू...
कर लिया है मेरे मन को भी अपने ही काबू...
किस दिशा का है,कहाँ से आया है मेरे ख्यालो में...
मैं पागल घिरती जा रही अपने ही सवालों में ..
ऐसा भी कोई जादूगर होता है क्या !
दूर से ही कर दिया मुझपे ये कैसा टोना..
खुद भोला बन बैठा है बेखबर....
और इधर मैं हो रही हूँ बेकाबू..

Monday, April 8, 2013


दिल की चौखट पर कोई दस्तक सी है...शायद कोई धड़क रहा आसपास ही है...

बस इस बार आओ के जाने का कोई बहाना ना हो तुम्हारे पास...
 
सब भूलकर सब छोड़कर बैठे रहो मेरे साथ....
 
मेरी खूबसूरती में...मेरी बातों में कोई कमी ना निकालना अबकी बार...
 
कुछ ऐसा करना की बात और साथ खूबसूरत बन जाए..


फिर रूठ कर जाने का कोई बहाना न बचे अबकी बार....

Saturday, April 6, 2013

दोस्ती और प्यार

डिस्क्लेमर: ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है. इसका किसी भी व्यक्ति, जगह या घटना से सम्बन्ध नहीं है.


अनन्या - प्लीज ! ये फ्रेंडशिप मत तोडना..दोस्तों के मामले में मैं थोड़ी unlucky हूँ.

सागर - क्यूँ ! मैं  हूँ ना तुम्हारा दोस्त..इतना सेंटी मत हो जाओ.

अनन्या - वो तो तुम हो ही..लेकिन हमेशा ऐसे ही रहना..पता है तुम्हे, तुम्हारी बातें  हमेशा मुझे खुश कर देती हैं..

सागर - बोल तो ऐसे रही हो, जैसे मैं तुम्हारा boyfriend हूँ... कहीं तुम्हे मुझसे प्यार तो नहीं हो गया !!

अनन्या - पागल हो क्या ! ainvayi  प्यार हो जाता है क्या ! और मुझे इतनी जल्दी प्यार नहीं होता..समझे !

सागर को लगा जैसे किसी ने उसकी बेईज्ज़ती कर दी..(वह सोंचने लगा)  आज तक लडकियाँ मुझ से बात करने के लिए आतुर रहती थी...ये अनन्या किस खेत की मूली है, जो सीधा मुझे रिजेक्ट कर रही है.


{ एक छोटी-सी बहुत बचकानी कहानी है ये..लेकिन कहना इतना ही था की "दोस्ती" और "प्यार" दो अलग चीज़े है... दोस्ती में प्यार हो सकता है और प्यार में दोस्ती हो सकती है...लेकिन दोनों को एक ही नाम से पुकारना बहुत गलत है...दोस्ती-प्यार के बीच में फैसला करते करते कहीं हम अच्छे दोस्त तो नहीं खो देते ना!  दोस्तों को भी तो हम जान से ज्यादा प्यार कर सकते है }