साँसें आजकल थमी-थमी सी हैं
तुम आओ तो इनकी रफ़्तार बढ़े ।
इंतज़ार में पलकें बोझिल हुई जाती हैं
तुम आओ तो साथ की कोई बात चले ।
कदमें थकी हैं.. दिल परेशां सा हैं
तुम आओ तो ये मंज़िल की ओर बढ़े ।
हो सके तो आना ऐसे कि
सारा ज़माना रश्क़ करें मुझसे
तुम आओ तो हम तुम्हारे साथ चले ।
जो दीदार ना हुआ तो बिखर जायेंगे हम
जो तुम आओ तो ये साँस चले ।
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