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Wednesday, May 8, 2013

रात के ख़्याल

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फिर इक नयी रात है..

एक ख्याल है..इक बात है..

कोई चेहरा है धुंधला सा..

कुछ जाना सा पहचाना सा..

आज ये सब मेरे साथ है..

कभी मन में कभी दिल में..

कभी तकिये के पास तो कभी धडकनों में...

बस इतनी सी ही तो बात है...

लेकिन महसूस हो रहा कुछ "ख़ास" है...

                 ....कुछ "ख़ास" है...!!




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ज़िन्दगी दिखाती है राहें बहुत..

खड़े करती है सवाल भी बहुत..

किस राह जाऊं...किस दिशा जाऊं...

इसके अनगिनत सवालों के जवाब कहाँ से लाऊं...

कर देती है कई बार बड़ा बेचैन...

तभी तो ये ज़िन्दगी तड़पाती है बहुत...

3 comments:

  1. बहुत खूब...!!! हमेशा की तरह...जब चाँद खुश होता है तो बिस्तर मुस्कुराने लगता है, तकिया गाने लगता है...वो बहुत खुशनसीब होते हैं जिन्हें कोई याद करता है।

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    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका!

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  2. सीधे शब्दों में बातें गहरी कह जाती हो।
    twitter.com/theindiafacts

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