प्यार में पड़ने से पहले और प्यार से निकलने के बाद 'before series' देखना संवैधानिक रूप से अनिवार्य किया जाना चाहिए. अजनबियत से शुरू होकर किन्हीं दो लोगों की कहानी कहाँ से कहाँ तक पहुँच जाती है, इसका इससे बढ़िया डॉक्युमेंटेशन कहीं नहीं मिलेगा. सिर्फ़ साथ पैदल चलना भर भी रोमैन्स हो सकता है, क्यूँकि उसमें भी लय की ज़रूरत होती है.. सीधे रास्तों पर चलते हुए मोड़ मुड़ने का इशारा साथ वाला पहले ही कर दे, ताकि चलने की लय बिगड़ने की नौबत ही ना आए. वाइन के लिए वाइन ग्लास चुराना ज़रूरी हो जाए और पीने की जगह के लिए एक खुला पार्क भी बहुत हो. सफ़र में चलते हुए दो लोग एक-दूसरे के सफ़र हो जाए.
सालों बाद फिर से टकराए पर चलने की लय वही दशक पुरानी वाली बरक़रार रहे. और जब सारे प्रेम/रोमांस/झगड़े के बाद एक दरवाज़ा पटक कर चला जाए तो दूसरे को अपने आसपास की सारी चीज़ें बेजान लगने लगें. क्यूँकि इसके पहले झगड़े वाले दृश्य में वही चीज़ें चुप रहकर भी लगातार बोलती जा रहीं थी. बिस्तर की सिलवटें, जिसने उन दोनों के आलिंगन के इंतज़ार में आख़िरी आह भरी.. कप में पड़ी आधी चाय, जो ताज़गी देने की बेक़रारी में अपनी गरमाहट खोती रही और टेबल पर पड़े दो ग्लास वाइन के, जिन्होंने चुपचाप सारा दृश्य सुन-देख लिया पर अपने सुरूर को ज़िंदा हरकतों में ना देख पाए.
और उस पूरे कमरे की ख़ामोशी, जो तब भी थी और अब भी है, पर तब वो ख़ामोशी झूम रही थी और अब बेमौत मर रही है. #beforeseries#beforesunrise #beforesunset#beforemidnight
Hello.. Mujhe aapse bahut kuch kehna hai.. आपके खत padhe the... Jo kisi ke naam the.. लिखा fictional tha.. Lekin mai jaanta hoon.. उनका लिखा एक एक शब्द sach ke पैमाने jaanta hai... Ho sake to mujhe fb pe follow kijiye.. Fb Id :hmohanj ya fir meri blog : meriankaheebatein.blogspot.in waiting for ur reply.. Great Writer
ReplyDeleteKitna sundar hai.
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