अकेलापन हमसे क्या-क्या करवा देता है...जो चाहते है हम वो भी और जो ना चाहते है वो भी...
वैसे ये अकेलापन खुद तो इतना अकेला है लेकिन, हमारे पास आकर हमें भी अकेला कर जाता है..मतलब हमारे साथ आकर रहने लगता है, तो इस हिसाब से अकेले कहाँ हुए हम !!
किसी ने सुझाव दिया कि अकेलेपन से इतने ही परेशान हो तो दुकेले हो जाओ.. एक से भले दो। लेकिन अकेलापन तो सबके भीतर है..और इस हिसाब से दुकेले वाला दूसरा इंसान भी अकेलेपन से ग्रसित हुआ तब तो दो लोगों के अकेलेपन मिलकर और ज़्यादा अकेले नहीं हो जायेंगे !!
फिर किसी ने सुझाया, अकेलापन भीतर है.. इसलिए इसको बाहर निकाल फेंको.. अपने से दूर कर दो। अमां यार, अब इस नज़रिये से भी तो देखो कि "जो जितना दूर है, वही उतना पास है" - इस हिसाब से तो अकेलापन पास हुआ ना !!!
एक बहुत ही ख़ास मित्र ने कहा, "अकेलेपन को हम इधर-उधर की जितनी चीजों से भरते है, यह उतना और बड़ा होता जाता है" -- यार, अकेलापन है कि गुल्लक है..मैं पूछती हूँ इस गुल्लक से गुडलक निकलेगा क्या !!
अकेलापन अकेलापन अकेलापन...साला अकेलापन ना हुआ आवारापन हो गया। कहते है, "खाली दिमाग शैतान का घर होता है" ...और अगर दिल खाली होता हो तो किसका घर होता है !!!
ऐसा करते है, इस अकेलेपन को ही अकेला कर देते है..जब ख़ुद अकेला रहेगा ना, तब अक्ल ठिकाने आएगी इसके..तब इसे समझ आएगा अकेलेपन का बोझ...
सोचा था 'अकेलेपन' पर कुछ बहुत सीरियस टाइप लिखूंगी..लेकिन ये कुछ funny जैसा हो गया... यकीन मानिए शुरुआत भी सीरियस टाइप ही लिखने की थी...कोशिश भी पूरी थी... पहले की दो लाइने अकेलेपन के आक्रमण और आघात का ही परिणाम है..
देखा ना, अकेलापन क्या-क्या करवा देता है..पोस्ट की शुरुआत से मैं यही तो बोलने की कोशिश कर रही हूँ.. अब इस पोस्ट से आप कुछ समझ पाए तो मेरे लिए दुआ कीजियेगा... लेकिन, अगर कहीं पढने के बाद आपको किसी मनोचिकित्सक की ज़रुरत महसूस हो तो भी मेरे लिए दुआ कीजियेगा..क्यूंकि यही हाल होता है अकेलेपन से..
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वैसे ये अकेलापन खुद तो इतना अकेला है लेकिन, हमारे पास आकर हमें भी अकेला कर जाता है..मतलब हमारे साथ आकर रहने लगता है, तो इस हिसाब से अकेले कहाँ हुए हम !!
किसी ने सुझाव दिया कि अकेलेपन से इतने ही परेशान हो तो दुकेले हो जाओ.. एक से भले दो। लेकिन अकेलापन तो सबके भीतर है..और इस हिसाब से दुकेले वाला दूसरा इंसान भी अकेलेपन से ग्रसित हुआ तब तो दो लोगों के अकेलेपन मिलकर और ज़्यादा अकेले नहीं हो जायेंगे !!
फिर किसी ने सुझाया, अकेलापन भीतर है.. इसलिए इसको बाहर निकाल फेंको.. अपने से दूर कर दो। अमां यार, अब इस नज़रिये से भी तो देखो कि "जो जितना दूर है, वही उतना पास है" - इस हिसाब से तो अकेलापन पास हुआ ना !!!
एक बहुत ही ख़ास मित्र ने कहा, "अकेलेपन को हम इधर-उधर की जितनी चीजों से भरते है, यह उतना और बड़ा होता जाता है" -- यार, अकेलापन है कि गुल्लक है..मैं पूछती हूँ इस गुल्लक से गुडलक निकलेगा क्या !!
अकेलापन अकेलापन अकेलापन...साला अकेलापन ना हुआ आवारापन हो गया। कहते है, "खाली दिमाग शैतान का घर होता है" ...और अगर दिल खाली होता हो तो किसका घर होता है !!!
ऐसा करते है, इस अकेलेपन को ही अकेला कर देते है..जब ख़ुद अकेला रहेगा ना, तब अक्ल ठिकाने आएगी इसके..तब इसे समझ आएगा अकेलेपन का बोझ...
सोचा था 'अकेलेपन' पर कुछ बहुत सीरियस टाइप लिखूंगी..लेकिन ये कुछ funny जैसा हो गया... यकीन मानिए शुरुआत भी सीरियस टाइप ही लिखने की थी...कोशिश भी पूरी थी... पहले की दो लाइने अकेलेपन के आक्रमण और आघात का ही परिणाम है..
देखा ना, अकेलापन क्या-क्या करवा देता है..पोस्ट की शुरुआत से मैं यही तो बोलने की कोशिश कर रही हूँ.. अब इस पोस्ट से आप कुछ समझ पाए तो मेरे लिए दुआ कीजियेगा... लेकिन, अगर कहीं पढने के बाद आपको किसी मनोचिकित्सक की ज़रुरत महसूस हो तो भी मेरे लिए दुआ कीजियेगा..क्यूंकि यही हाल होता है अकेलेपन से..
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nice lines...........
ReplyDeleteलीजिये अकेलापन देख के ये अंगरेज भी जीससबाज़ी ठेल के चला गया ।
ReplyDeleteघबराने की कोई बात नहीं...अकेलापन जीना सिखा देगा ।
हाहा..जिससबाजी ...सही है ना, समझ गया कि बंदी की मानसिक हालत टीक नहीं :P
Deleteयदि तोर डाक शुने केऊ न आसे, तबे एकला चलो रे.....
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